महेश
न   व     जी  व  न
ल   ळू    दि  न  शा
बा   ज    री  वि  सं
जा   हा   तो  हा  त
र    ती    व   र  ती

 खूप आवडली कल्पना! तुमच्या या सृजनशीलतेला दाद द्यावी तेवढी थोडीच आहे! अनेक धन्यवाद!