न तुम हमें जानो
न हम तुम्हे जानें
मगर लगता है कुछ ऐसा मेरा हमदम मिल गया...
ये मौसम ये रात चुप हैं, ये हठोंकी बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी हैं दासतां
नजर बन गयी है दिल की जुबां
मोहब्बत के मोड पे हम, मिले सबको छोड के हम
धडकते दिलोंका लेके ये कारवां
चले आज दोनो, जाने कहां..
गायक/गायिका: हेमंत कुमार/सुमन कल्याणपुर
संगीत: हेमंत कुमार
गीत: मजरूह सुलतानपुरी
चित्रपट: बात एक रात की