देखा ना हाय रे

सोचा ना हाय रे
रख दी निशाने पे जान
क़दमों में तेरे निकले मेरा दिल
है बस यही अरमान

मिट जायेंगे मर जायेंगे,
काम कोई कर जायेंगे
मरके भी चैन ना मिले,
तो जायेंगे यारों कहाँ
देखा ना हाय रे ...

कातिल है कौन, कहा नहीं जाये
चुप भी तो रहा नहीं जाये
बुलबुल है कौन, कौन सय्याद
कुछ तो कहो मेरी जान
देखा ना हाय रे ...

घर से चले खाके क़सम
छोडेंगे पीछा ना हम
सर पे कफन बांधे हुए,
आया दीवाना यहाँ 
देखा ना हाय   ...