चौदवी का चांद हो, या अफताब हो,

जो भि हो खुदा कि कसम लजवाब हो....

झुल्फे है जैसे कंधो पे बादल झुके हुये

आंखे है जैसे मय के प्याले भरे हुये.

चेहरा है जैसे झिल मे  हसता कवल

या झिंदगी कि साज पे छेडि हुयी गजल

जान ऐ बहार तुम किसी शायर का ख्वाब हो......