जाओ रे जोगी तुम जाओ रे
ये हैं प्रेमिओं की नगरी,
यहा प्रेम ही हैं पूजा
प्रेम की पीडा सच्चा सुख हैं
प्रेम बीना ये जीवन दुःख हैं, जाओ रे ...
जीवनसे कैसा छुटकारा
हैं नदिया के साथ किनारा, जाओ रे ...
ज्ञान की कैसी सीमा ज्ञानीज़
गागर में सागर का पानी, जाओ रे ...
चित्रपटः आम्रपाली (१९६६)
गायकः लता मंगेशकर
गीतः शैलेंद्र
संगीतः शंकर-जयकिशन