पास रहते हुए भी तुझसे बहुत दूर हैं हम किस्सा-ए-दर्द सुनाते हैं के मजबूर हैं हम
तेरे प्यार में दिलदार जो है मेरा हाल-ए-इजार कोई देखे या ना देखे अल्लाह देख राहा है तेरे प्यार में दिलदार