ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा ना घबराइये
जहाँ तक महक है मेरे गेसुओं की चले आइये.
सुनिये तो जरा जो हकीकत है कहते हैं हम
खुलते रुकते, इन रंगीं लबों की कसम
जल उठेंगे दिये जुगनुओं की तरह
ये तबस्सुम तो फरमाइये.
प्यासी है नजर हां ये भी कहने की है बात क्या
तुम हो मेहमां तो ना ठहरेगी ये रात क्या
रात जाये रहें आप दिल में मेरे
अरमां बन के रह जाइये.