बिजली गिरा के आप खुद बिजली से डर गए
हम सादगी पे आपकी लिल्लाह मर गए
दिल तेरा दीवाना है सनम
जानते हो तुम कुछ ना कहेंगे हम
मुहब्बत की कसम -२
दिल तेरा दीवाना...
प्यार के अलबेले यह हमसफर
चल देंगे ले जाएगा दिल जिधर
राह में खो जाएँगे आज
मंजिल कहाँ है हमें क्या खबर
दिल तेरा दीवाना...
कुछ चाहत का असर कुछ मौसम का असर
तेरी आँख में जो सरूर है
सारा उसी का तो कसूर है
सइयाँ अनजानी नगरी प्यार की
नादाँ यह दिल मेरा मजबूर है
जीवन में एक बार खुद हो जाता है प्यार
दिल तेरा दीवाना...
क्या कीजे कोई मन भा गया
दिल में हमारे वह समा गया
हँस के किसी ने देखा इक बार
दिल की मुरादें कोई पा गया
साँसों में मीठी आग होंठों पे मीठा राग जगा गया
दिल तेरा दीवाना...
(दिल तेरा दीवाना/शैलेंद्र/शंकर-जयकिशन/मुहम्मद रफी-लता मंगेशकर)
................ कृष्णकुमार द. जोशी