जुज मर्तबए कुल को हासिल करे है आखिर
एक कतरा नहीं देखा जो दरिया न हुआ ....( मीर..)

अंश अखेरीस पुर्णत्वास जातोच... प्रत्येक थेंबाची परिणती समुद्रात होतेच...