चलो इक बार फिर से
अजनबी बन जाये हम दोनो

न मैं तुम से कोई उम्मीद रख लूं दिलनवाजी की
न तुम मेरी तरफ देखो गलत अंदाज नजरों से
न मेरे दिल की धडकन लडखडाये मेरी बातों से
न जाहिर हो तुम्हार कश्म-ए-कश का राज नजरों से......