आईये महरबाँ, बैठिये जाने जाँशौक से लिजिये जी, प्यार की इंतेहाकैसे हो तुम नौजवाँ, कितने हसीं महमाँकैसे करुं मैं बयाँ, दिल की नहीं है जुबाँदेखा मचल के जिघर, बिजली गिरा दी उधरकिस का जला आशियाँ, बिजली को ये क्या खबर