छान.
"आखिर क्या मुझको परखने का नतीजा निकलादर्दे दिल आप की नजरोंसे भी गहरा निकला
तिशनगी* जमीं रही मेरे ओठोपर पत्थर की तरहा
डूबकर भी तेरे दरियामें मै प्यासा निकला"
ह्या ओळी
क्या भला मुझको परखने का नतीजा निकला
जख़्मे दिल आपकी नज़रोंसे भी गहरा निकला
तिश्नगी जम गयी पत्थर की तरह होंटोंपर
डूबकर भी तेरे दर्यासे मैं प्यासा निकला
अशा आहेत.