खामोष है जमाना, चुपचाप है सितारे
आराम से है दुनिया, बेकल है दिल के मारे
ऐसे मे कोई आहट इस तरह आ रही है
जैसे कि चल राहा है मन में कोई हमारे
या दिल धडक रहा है, इक आस के सहारे
आयेगा, आयेगा, आयेगा, आयेगा आनेवाला, आयेगा....
दीपक बगैर कैसे परवाने जल रहे है
कोई नहीं चलाता और तीर चल रहे है
तडपेगा कोई कब तक बेआस, बेसहारे
लेकीन ये कह रहे है दिल के मेरे इशारे
आयेगा, आयेगा, आयेगा, आयेगा आनेवाला, आयेगा....
भटकी हुई जवानी मंजिल को ढूंढती है
माझी बगैर नैया साहिल को ढूंढती है
क्या जाने दिल की कश्ती कब तक लगे किनारे
लेकीन ये कह रहे है दिल के मेरे इशारे
आयेगा, आयेगा, आयेगा, आयेगा आनेवाला, आयेगा...