नीलहंस, प्रवासीमियाँ

आपल्या दोघांच्या सुख़नसराईला माझा नमस्कार.

तनहा मुसाफ़िर

(ख़ुदकुशी भी जुर्म है और मयकशी भी जुर्म
कौन क्या मुश्किल में है ये देखता कोई नही)