अनवट रागांसारखी काही अनवट रफी-गीते.

माना मेरे हंसी सनम (ऍडवेंचर्स ऑफ ऱॉबिन हूड)

मै कौन हू मै कहाँ हू मुझे ये होश नही (मै चुप रहूंगी?)

निगाहे ना फेरो चले जायेंगे हम (ब्लॅक कॅट)

हम और तुम और ये समाँ (लव इन टोकीयो?)

मैने शायद तुम्हे पहले भी कहीं देखा है (?)

दिल मे इक जाने तमन्ना ने जगा पायी है (बेनजीर)

अखियनसंग अखियाँ लागी आज (बडा आदमी..या गाण्यातला तराणा अप्रतिम)

हर चेहरा यहाँ चांद (आबरू)

वो वो ना रहे जिनके लिये हम थे बेकरार (बदलते रिश्ते)

दिवाना कह के आज मुझे फिर पुकारीये (मुल्जीम)

जिंदगीभर गम जुदाई का मुझे तडपायेगा (?)

पास बैठो तबियत बहल जायेगी (पुनर्मिलन)

 

जयन्ता५२