तुमने किसीकी जान को जाते हुए देखा है (राजकुमार)
इस रंग बदलती दुनियामें (राजकुमार)
मैंने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है (बरसातकी रात)
तू हिंदु बनेगा न मुसलमान बनेगा (धूलका फूल)
वतनकी राहमें वतनके नौजवाँ शहीद हो(?)