हम छोड चले इस महफिल को
याद आये कभी तो मत रोना
इस दिल को तसल्ली दे दे ना
घबराये कभी तो मत रोना
(ही ओळ विशेष, मरने की खबर ऐ जाने जिगर
मिल जाये अगर तो मत रोना )
....मुकेश
हे गाणे ऐकून अगदी रडू येत नाही पण, मन कातर होते.
अभिजित