कविता |
नशा |
कोहम् |
१७ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कळा |
विक्षिप्त |
१७ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
इतक्यात फार झाल्या |
टीकाराम |
१८ वर्षे ३ तासांपूर्वी |
कविता |
कविता अपार झाल्या!!!! |
कुल्फी |
१८ वर्षे १३ तासांपूर्वी |
कविता |
आरसे |
कोहम् |
१८ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कविता |
उलटसुलट केले काळज़ाला ज़रासे |
चक्रपाणि |
१८ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कविता |
आज मी |
कुमार जावडेकर |
१८ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
मदार |
मिलिंद फणसे |
१८ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
हिचीही मान्यता होती तिच्या माझ्या विवाहाला |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
रुढींची मान्यता होती तिच्या माझ्या विवाहाला |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे ४ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
इरादे |
मिलिंद फणसे |
१८ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
वेगळा |
कुमार जावडेकर |
१८ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
जोहार |
मृण्मयी |
१८ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
सुचत नाही |
मिलिंद फणसे |
१८ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
भावनांच्या गारगोट्या |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(फ़िर्याद) |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मुखवट्यांवर मुखवटे घालून सारे |
चित्त |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काळजाला एवढे नादावणारे |
कापूसकोंड्या |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
फसवून कुठे परमात्मा गेला होता |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
फसवून कुठेसा वसंत गेला होता |
नीलहंस |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(स्थलांतर) |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पतंग माझियाकडे पहात हळहळायचे |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वसंत माझियाकडे पहात हळहळायचे |
चित्त |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
प्रवास |
मिलिंद फणसे |
१८ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कोणी |
चित्त |
१८ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |