कविता |
पाहिले नाहीस की, तू पाहण्याचे टाळले? |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
घ्यायला वेध लक्ष्याचा, मी सळसळतो केव्हाचा...... |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
स्वप्न होते कोवळे अन् वय जरी निष्पाप होते |
मृण्मयी |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
नाहीस तू तुझा पण, येथे सुवास आहे! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तरही गझल |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अता फुलांचा सुगंधही मी दुरून घेतो! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सवय होता जरा... |
जयन्ता५२ |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बांधले पायात मीही चाळ आता! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
शैली जगावयाची माझी तुझी निराळी! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
दूर कसा मी आलो इतका समजत नाही; |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
त्या वासंतिक श्वासांची वर्दळ अजून आहे! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मुर्दाड माणसांच्या बोटावरील शाई |
मिलिंद फणसे |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुझ्या कृपेची किरणे कलली, दुनिया माझी धूसर झाली! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मी तिच्या वेणीतल्या गजऱ्यात होतो! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वणवणण्यामध्ये माझे आयुष्य उभे हे गेले..... |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चालले माझे न काही, मज रुळावे लागले! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मी मोहरेन ज्याने तो हा वसंत नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तरूतळी त्या काल पाहिले ऊन्ह एकटे बसलेले! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
का मला पाहून आता लागली लाजायला? |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मुखपृष्ठ फाटलेले! मलपृष्ठ फाटलेले! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कधी नेमके झाड बहरले, कळले नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हृदयाच्या तारा आता कोणीही छेडत नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हाय आले जीवनाचे भान मरताना! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आहे तुझ्याचसाठी एकेक श्वास माझा! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काळजाला माझिया पडली किती होती घरे! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |