कविता |
तुला पाहते रे........(विडंबन) |
गंगाधरसुत |
४ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
श्री ट्रम्प राय - घाशीराम कोतवाल विडंबन |
आनंदी |
५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बार शेट्टीचा |
गंगाधरसुत |
५ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
साकडे |
राजेंद्र देवी |
७ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अजुनी बसून आहे |
विदेश |
८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
त्या गेंड्याची दोन पावले - (विडंबन) |
विदेश |
८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आज पाहुणे घरात घुसले, तुझ्यामुळे - |
विदेश |
९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
लाटणे सोबती सोडीना ती पाठ - |
विदेश |
९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मतदानाच्या यादीमधुनी गायब राजा राणी - |
विदेश |
९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चिंबोरी च्या कालवणाचा, रंग कसा लाल बाई.. |
प्रज्ञा प्रधान |
९ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
नाही चाखली चव 'लाडू'ची- (विडंबन) |
विदेश |
९ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कोंबडीचे प्रेमगीत |
मिलिंद फणसे |
९ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ग्रहासारखा नर तो फिरतो, ती तार्यागत दुस्तर असते! |
खोडसाळ |
९ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
दिवस माझे हे फुगायचे .. (विडंबन) |
विदेश |
१० वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कविता |
" किती अडवू मी अडवू कुणाला ... (विडंबन) |
विदेश |
१० वर्षे ३ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
उसवला शर्ट नवीन पुन्हा – |
विदेश |
१० वर्षे ४ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
अशी वाहने येती - विडंबन |
विदेश |
१० वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
हे प्रिये.. |
राजेंद्र देवी |
१० वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
" बया आज माझी नसे वात द्याया -" |
विदेश |
१० वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(सारा हिशेब द्यावा लागेल एक दिवशी) |
संजय क्षीरसागर |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
नदीच्या पल्याड (विडंबन) |
प्रसाद पासे |
१० वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बीजेपीची धुरा वाहती नरेंद्र मोदी! |
आजानुकर्ण |
१० वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वृत्त गझलेचे उचलले, अन् गझल झाली! |
चैत रे चैत |
१० वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कधी मी एक पेग् प्यालो, कधी मी झोकल्या धारा! |
खोडसाळ |
१० वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काल चाखली तेव्हा मजला अर्थ कळाला डुलण्याचा! |
चैत रे चैत |
१० वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |