कविता |
(गर्दीतले ... ) |
हरिभक्त |
१५ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
(रात्र) |
खोडसाळ |
१५ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
उपरा |
गंगाधरसुत |
१५ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
होत्या कैक त्याने व्यथा साहलेल्या |
हरिभक्त |
१५ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
तात, सांगा, सांग आई |
खोडसाळ |
१५ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
(....... पुन्हा पुन्हा! ) |
खोडसाळ |
१५ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
आता आपलं सरकार आलंय, सगळं होणार |
ओम उदय चावरे |
१५ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चॉइस |
खोडसाळ |
१५ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आलो कुठून? - विडंबन |
हरिभक्त |
१५ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
उधाणाच्या मिषाने तू किती द्वाडे बहरलेली |
खोडसाळ |
१५ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
असा हा सुंदर मातोश्री बंगला |
हरिभक्त |
१५ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
"विसरशील खास मला_वर्ज़न २.०" अर्थात "ट्विटरशीलही न मला" |
खोडसाळ |
१५ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
विडंबनास माझ्या, वेदांत मानिले मी |
हरिभक्त |
१५ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सरकारी दर्पोक्ती / जनतेची टर्पोक्ती |
खोडसाळ |
१५ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मुलाखतीतुन तुझ्या प्रकटती |
खोडसाळ |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कविता न कराव्या... |
खोडसाळ |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पूर्वीगत पण आता काही करवत नाही |
केशवसुमार |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(मोकळे असू द्या) |
खोडसाळ |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
"खा खा रे प्रियकरा" |
अनंत खोंडे |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
उगवत्या प्रियकरा(विडंबन-मावळत्या दिनकरा-भा. रा. तांबे) |
कमलेश पाटील |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
या सदनिकेत माझ्या |
हरिभक्त |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
गमक-२ |
केशवसुमार |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(गमक) |
खोडसाळ |
१५ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
नाचतेस घरी तु जेव्हा..... |
म ह १२ |
१५ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(शेवट) |
केशवसुमार |
१५ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |