गद्य साहित्य |
रवीश कुमारांचं पुस्तक: 'इश्क में शहर होना' |
प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे |
३ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
माझी पहिली मराठी साहस कथा : मिशन वारी |
अमोल पोतनीस |
६ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
मराठीतून मलयाळम |
कृष्णकुमार द. जोशी |
८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
ठकी आणि मर्यादित पुरुषोत्तम - पुस्तकातील पुस्तक |
मराठीप्रेमी |
८ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
"इमर्जन्सी - अ पर्सनल हिस्टरी" - खिळवून ठेवणारे पुस्तक |
चौकस |
९ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
एकमेव |
कुशाग्र |
१० वर्षे ६ दिवसांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
समस्या आणि उपाय भाग १: अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलनाची अध्यक्षीय निवडणूक |
चेतन सुभाष गुगळे |
१० वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
गद्य साहित्य |
स्पष्टवक्ता की भ्रष्टवक्ता ? |
निमिष सोनार |
१० वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
चर्चेचा प्रस्ताव |
प्रवास - अनुभव, वर्णन, वाचन आणि दर्शन! |
निमिष सोनार |
१० वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
चर्चेचा प्रस्ताव |
नाण्याची दुसरी बाजू अर्थात |
चेतन सुभाष गुगळे |
१० वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
आदित्य : युद्ध अंधाराविरुद्ध |
चेतन सुभाष गुगळे |
१० वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
" कंगोरे " कथासंग्रह. |
गंगाधरसुत |
११ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
हिटलर आणि शिकेलग्रुबर नावाचा शिपाई |
सुधीर कांदळकर |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
गद्य साहित्य |
काळ्या किनारीचे सोनेरी पान |
सुधीर कांदळकर |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
हजार चुराशीर मा - महाश्वेतादेवी (अनु. अरुणा जुवेकर) |
अतुल ठाकुर |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
पानशेत प्रलय आणि मी - एक झणझणीत अंजन |
चौकस |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
सकारात्मक भाषा |
निमिष सोनार |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
'कीज' पुस्तकाविषयी |
मन्जुशा |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
छन्दोरचना |
प्रशासक |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
शास्त्रीय मराठी व्याकरण |
प्रशासक |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
परीकथांचा गाभा: कामवासना आणि हिंसा |
मिलिंद फणसे |
१२ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
प्रयास |
अमृत२६०७ |
१२ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
चर्चेचा प्रस्ताव |
पुस्तकाचा लेखक स्वतः लेखनविषयात व्यावहारिक पातळीवर पारंगत असणे गरजेचे आहे का? |
केदार पाटणकर |
१२ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
चर्चेचा प्रस्ताव |
बहराचा काळ कोणता ? |
केदार पाटणकर |
१३ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
गद्य साहित्य |
मन्वंतर: एक दृश्यकथा |
मस्त कलन्दर |
१३ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |