गद्य साहित्य |
कुछ भीगे अल्फाझ - एक शांत, तरल अनुभव |
चौकस |
१ वर्ष ४ आठवड्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
खानदानी शफाखाना - गंभीर विषय, थिल्लर मांडणी |
चौकस |
१ वर्ष ५ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
ऍन हेश - भिरभिरताना कलंडलेली भिंगरी |
चौकस |
१ वर्ष ८ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
अंतर द्वंद्व - खरे तर अंतर्बाह्य द्वंद्व |
चौकस |
१ वर्ष ११ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
पंचायत - फसत चाललेला डाव |
चौकस |
१ वर्ष ११ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
झुंड |
सोकाजीत्रिलोकेकर |
२ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
गद्य साहित्य |
प्रत्यक्षाहुनि प्रतिमा उत्कट: 'चंडिगढ अम्रितसर चंडिगढ', एक (पुनर्निमित) पंजाबी चित्रपट |
चौकस |
२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
इनसाईड एज - एक प्रगल्भ होत गेलेली वेब मालिका |
चौकस |
२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
'अदब मुटियारां' - धमाल पंजाबी चित्रपट |
चौकस |
२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
रोमन हॉलिडे (१९५३) |
कुमार सतीश |
४ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
पटाखा - एक दणदणीत सुतळीबॉंब |
चौकस |
५ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
न्यूटन - अस्वस्थ करणारी धमाल |
चौकस |
५ वर्षे ३ आठवड्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
दिल जलता है तो --- ! |
कुशाग्र |
६ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
चर्चेचा प्रस्ताव |
पाच ऑगस्ट ला मर्लिन मुनरो चा स्मृति दिवस होता. तिची आठवण... |
महामाया |
६ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
शी इज फनी दॅट वे - एक चटपटीत अनुभव |
चौकस |
७ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
गद्य साहित्य |
दोन अधिक दोन - एक अस्वस्थ वर्तमान |
चौकस |
७ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
आना मारिआ इन नोव्हेला लँड - एक लोभसवाणी फँटसी |
चौकस |
७ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
व्हेंटिलेटर - गणपती बाप्पा मोरया! |
चौकस |
७ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
अरे हृदया आहे अवघड |
चौकस |
७ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
चर्चेचा प्रस्ताव |
तेजाब |
केदार पाटणकर |
७ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
(नदीम-) श्रवणभक्ती |
कुमार जावडेकर |
७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
मराठी पॉपकॉर्न आता राणीच्या राज्यात !!! |
अश्विनि धुमाळ |
७ वर्षे ८ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
चित्रपट व केंद्रीय चित्रपट प्रमाणीकरण मंडळ |
केदार पाटणकर |
७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
चर्चेचा प्रस्ताव |
सैराट बाबत |
केदार पाटणकर |
७ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
किल्ला - एक नितांतसुंदर अनुभव |
चौकस |
८ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |