अष्टाक्षरी

१.  तिचं  पाहणं वळून
    सारी गणितं चुकली
    तान आली भरारून
    पण समेला मुकली

२. चांदण्याच्या डोलीतून
    स्वप्न होऊन  येतेस
    काळोख  धूसरताना
    कुठे  नाहीशी होतेस

३. स्वप्न स्पर्शून बोटांना
    दूर   निसटून   जाते
    लय काळजाची  तेव्हा 
    कशी   सैरभैर  होते

४. प्रेम होऊनिया आले
    फुलपाखराचे    पंख
    रंगछटा आधी लाख
    मग  मधाळले  डंख

५. काळोखात     घरभर
    आठवणींचा    वावर
    पापण्यांच्या अंगणात
    पागोळ्यांची   झरझर