चैत्रगौर

    आली आली चैत्रगौर 
 कुहू कुहू चा गजर 
आला  फुलांना बहर 
 दारी रांगोळी सुंदर 
 आली आली चैत्रगौर .....
 गौरी आली ग माहेरा 
 झुला सजला साजिरा 
 माळा केसात मोगरा 
 आली आली चैत्रगौर ...... 
 भाळी शोभे चंद्रकोर 
 कंठी घाले चंद्रहार 
 दंडी वाकी नक्षीदार 
 आली आली चैत्रगौर .....
 पितांबर बुट्टेदार 
 चोळी ग हिरवीगार 
 पाठी कुरळ केशभार 
 आली आली चैत्रगौर .....
 चूडा हिरवा ग भरा 
 नाकी तो चमकी  हिरा 
 कंबरपट्टा सोनेरी 
 आली आली चैत्रगौर .....
 हरभरा पसाभर 
 सरबत थंडगार 
 शेव-करंजी  समोर 
 आली आली चैत्रगौर .....
सुवासिनी येता घरा 
 गुलाबपाणी अत्तरा 
 लावा, ओटी तिची भरा 
 आली आली चैत्रगौर .....
 उत्सव महिनाभर 
 मंगल गीतांचा स्वर 
 अक्षयतृतीया सण
 आता कर पाठवण .......
                 विजया केळकर __