पडदे

घरटे उदास होते
पडदे झकास होते

निजली तशीच पोरे
पैसे खलास होते

ना पोचलो कुठेही
जन्मो प्रवास होते

होणार तीच माझी
भलते कयास होते

केले गुन्हे नभाने
धरती तपास होते

--------------------------------------- जयन्ता५२