प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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कधी फुलांचा सुगंध |
कधी वारयाची झुळूक |
कधी पावसाची सर |
येतोस घेउनी अवचित तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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प्रत्तेक धागा मनाचा |
तुझ्या मनाशी ओवलेला |
श्वासही गुंतलेले श्वासात |
हर -एक स्पंदनात तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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पहाटेच्या गोड गारव्यात |
सकाळच्या कोवळ्या उन्हात |
सांजवेळी धुंद आसमंतात |
रात्रीच्या काळोखातही तूच |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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होऊनी स्वर गळ्यात येतोस |
नजरेतून काळजात शिरतोस |
घेउनी हास्य ओठांवर येतोस |
होऊनी आसव गालांवर ओघळतोस तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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आरशात पाहते स्वतःला |
हळूच न्याहाळत असतोस तू |
एकांती उदास मनात माझ्या |
फुलोरे घेउनी येतोस तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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घोटात पहिल्या चहाच्या |
घासत प्रत्तेक अडकलेला तू |
रात्रीच्या शुभ्र चांदण्यात |
चंद्र होऊनी झळकलेला तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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आठवणींचा विशाल सागर |
विरहाच्या विदीर्ण कळा |
जीवाच्या आर्त हाकेत |
प्रेमळ साद घेऊन येतोस तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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कामात तू ध्यानात तू |
स्वप्नात अन कल्पनेतही तू |
क्षितिजापर्यंत नजरेत माझ्या |
असतोस फक्त तूच तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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आत्म्यात तू स्पर्शात तू |
प्रत्तेक उठणाऱ्या रोमात तू |
चीरदाह वेदनेच्या लहरीत तू |
प्रणयगंध देऊन जातोस तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |
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हिशोब हा क्षणांचा माझ्या |
किती सरळ किती सोपा |
काठोकाठ भरला आहेस राजा |
माझ्या कणा कणात तू |
तू आणि तूच तू |
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प्रत्तेक क्षणात तू |
क्षणातल्या सुक्ष्मातही तूच! |