प्रकार | शीर्षक | लेखक | प्रतिसाद | शेवटचे अद्यतन |
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कविता | शेवटी सारेच होतात वजा | साकार | २ | १९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता | भाषा | साकार | ५ | १९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता | तूच जवळी असशी माझ्या... | वेदश्री | ८ | १९ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता | अनाकलनीय - ५ | संपाद्क | ७ | २० वर्षे २ दिवसांपूर्वी |
कविता | कोण म्हणतं आमच्या घरात... | प्रसाद | १३ | २० वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता | तू नसताना... | प्रसाद | ५ | २० वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता | एखादी तरी सर... | प्रसाद | १४ | २० वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |