शीर्षक | प्रकार | लेखक | अद्यतन | प्रतिसाद |
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अदभुत रम्य कथेचे दालन. | गद्य साहित्य | द्वारकानाथ कलंत्री | ३ | |
मराठीकरण आणि संगणक | गद्य साहित्य | प्रशासक | ५ | |
काही मनातले... | गद्य साहित्य | द्वारकानाथ कलंत्री | २१ | |
मराठीकरण असे असावे. | चर्चेचा प्रस्ताव | प्रशासक | ३४ | |
येथे कुणी यावे? कसे यावे? | गद्य साहित्य | प्रशासक | २० | |
मला येथे लिहिता येईल का? | Basic page | प्रशासक | १० | |
इथल्या लेखांचे वर्गीकरण | Basic page | प्रशासक | ५ |
शीर्षक | प्रतिसादक | लेखन | अद्यतन |
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आकलनातला फरक | विनायक | स्पष्टवक्ता की भ्रष्टवक्ता ? | |
सरसकटीकरण | वरदा | स्पष्टवक्ता की भ्रष्टवक्ता ? | |
होय. हा लेख स्पष्ट आहे पण .... | निमिष सोनार | स्पष्टवक्ता की भ्रष्टवक्ता ? | |
मनोगतला पर्यायी इंग्रजी शब्द | संजय क्षीरसागर | "मनोगत ह्या शब्दाचा इंग्रजी प्रतिशब्द | |
स्पष्टवक्तेपणा आणि फटकळपणा यात फरक आहे | संजय क्षीरसागर | स्पष्टवक्ता की भ्रष्टवक्ता ? | |
बरोबर ? | चेतन पंडित | स्पष्टवक्ता की भ्रष्टवक्ता ? | |
फ़ारच छान कविता. | गंगाधरसुत | मोजतांना | |
शोले न बघितलेलि पिढी | स्वामीयोगेश | 'शोले'चा पर्यायी शेवट | |
काहीच्या बाही विधाने | विनायक | संदर्भांची उणीव - लोकसत्तातील मराठी भाषाविषयक लेख | |
धन्यवाद | रोहिणी | थालिपीठाच्या भाजणीचे घावन |