शीर्षक | प्रकार | लेखक | अद्यतन | प्रतिसाद |
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झुळूक | कविता | अदिती | ३ | |
शब्द माझ्या अंतरीचे आरसे | कविता | अदिती | ११ | |
जरासे! | कविता | साती | १६ | |
पुण्याची पी एम् टी | कविता | सचिन धायगुडे | ||
सवाई गंधर्व महोत्सवामुळे हुकलेल्या मैफिली | गद्य साहित्य | आनंदघन | २ | |
आहे कठीण परि... | गद्य साहित्य | मीरा फाटक | १ | |
लिखाण -२ | कविता | केशवसुमार | १ | |
घारगे | पाककृती | रोहिणी | ४ | |
एक ट्रॅफिकजाम विकत घेतला...!!! - २ | गद्य साहित्य | प्राजु | ||
इतिहास व भूगोल | कविता | सनिल पांगे | ||
लिखाण | कविता | कुमार जावडेकर | ८ | |
दुरावा | कविता | शुभा०७ | ४ | |
नायगारा - २ | कविता | खोडसाळ | ३ | |
माझ्या मागे...! | कविता | ऋतुगंध | ||
संकल्प ! | कविता | नरेंद्र गोळे | ४ |
शीर्षक | प्रतिसादक | लेखन | अद्यतन |
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माहितीपर लेख आहे ! | संजय क्षीरसागर | आचार्य बोधीधर्म आणि झेन पंथ | |
तुमचे अध्यात्माच्या व्याख्येपासूनच गोंधळ आहेत ! | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
बर! | सोकाजीत्रिलोकेकर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
मन किंवा विचार हा विक्षेप आहे ! | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
बुद्धावस्थेची तुम्ही फक्त कल्पना करतायं! | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
विक्षेप | सोकाजीत्रिलोकेकर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
जाणीव | सोकाजीत्रिलोकेकर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
पहिल्या मुद्याच्या अनुषंगानं आणखी थोडं | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
मनाचं निस्सरण म्हणजे | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
अध्यात्म... | सोकाजीत्रिलोकेकर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! |