शीर्षक | प्रकार | लेखक | अद्यतन | प्रतिसाद |
---|---|---|---|---|
भयोत्सव (भाग -२) | गद्य साहित्य | प्रियाली | २० | |
स्तब्ध | कविता | निनावी | १० | |
नेपाळी बटाटा | पाककृती | स्वाती दिनेश | १ | |
सख्या रे!!! | कविता | सौ. अंजली | २ | |
कारल्याची भाजी | पाककृती | शितल२९ | ४ | |
वाघबा थकले | कविता | प्रफ़ुल्ल७७ | १ | |
मराठी साहित्यातील मैलाचे दगड | चर्चेचा प्रस्ताव | विकिकर | ७ | |
नाथाघरची उलटी खूण | गद्य साहित्य | विटेकर | ४ | |
रात्र | कविता | मीनु | ४ | |
राहुन गेलं ...... | कविता | मीनु | ||
गुलाम | कविता | मीनु | २ | |
धुळयातले चित्रपट | गद्य साहित्य | प्रफ़ुल्ल७७ | ५ | |
नाथाघरची उलटी खूण | चर्चेचा प्रस्ताव | विटेकर | १ | |
हे कसे करावे? | चर्चेचा प्रस्ताव | विकिकर | १ | |
'प्रताधिकार मुक्तीची उद्घोषणा' | चर्चेचा प्रस्ताव | विकिकर | १ |
शीर्षक | प्रतिसादक | लेखन | अद्यतन |
---|---|---|---|
माहितीपर लेख आहे ! | संजय क्षीरसागर | आचार्य बोधीधर्म आणि झेन पंथ | |
तुमचे अध्यात्माच्या व्याख्येपासूनच गोंधळ आहेत ! | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
बर! | सोकाजीत्रिलोकेकर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
मन किंवा विचार हा विक्षेप आहे ! | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
बुद्धावस्थेची तुम्ही फक्त कल्पना करतायं! | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
विक्षेप | सोकाजीत्रिलोकेकर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
जाणीव | सोकाजीत्रिलोकेकर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
पहिल्या मुद्याच्या अनुषंगानं आणखी थोडं | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
मनाचं निस्सरण म्हणजे | संजय क्षीरसागर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! | |
अध्यात्म... | सोकाजीत्रिलोकेकर | अष्टावक्र संहिता : ७ : मला एकाग्रता साधावी लागत नाही कारण मला विक्षेप नाही ! |