येतसे स्वप्नांत माझ्या ... |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
माय मराठी |
शब्दप्रिया |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
व्यथा |
शब्दप्रिया |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
प्रेम |
शब्दप्रिया |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
असेच काहीतरी... |
एस के |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
येवुनी स्वप्नात माझ्या |
स्नेहदर्शन |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
मळभ |
जयश्री अंबासकर |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
जगण्यासाठी.. |
जयेन्द्र |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
मन |
निकीता |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
पुन्हा काय शोधिसी मना |
निकीता |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
अवघड जागचे हे दुखणे कठीण झाले |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
तक्रार बायकोची गझलेत मांडली मी |
खोडसाळ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
जीवन.. |
जयेन्द्र |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
शीर्षक सुचलंच नाही! |
ग्रामिण मुम्बईकर |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
६०. तूच मायबाप बंधू तूच प्राणसखा |
मिलिंद दिवेकर |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
प्रिय मनास |
सनिल पांगे |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
प्रिय मनास |
सनिल पांगे |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
आजकाल मी जरा झोपेमध्ये बरळतो |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
माझे मन ! |
माधव कुळकर्णी |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
आठवे मला -२ |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
आठवा मला |
खोडसाळ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
तक्रार वेदनांची गझलेत मांडली मी... |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
गझल |
विक्षिप्त |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
प्रश्न |
सनिल पांगे |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
अठवे मला |
स्नेहदर्शन |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |