कविता |
वचन जे दिले ते - लागे जपावे |
टवाळ |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पुरुषार्थ |
विदेश |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ठाकला मृत्यू, तरी मस्तीत मी! (तरही गझल) |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चारचौघांसारखा |
जयन्ता५२ |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हवी मला थोडी जागा ....... |
अनुबंध |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
चित्रपटांची मौजमजा |
रोहिणी |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कोणते आहे खरे अन् कोणता आभास आहे? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तू अशा वेळी अशी, उजळू नको! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
कडव्यावरून ध्रुवपद ओळखा |
रोहिणी |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
सियाचीनची हिमनदी ..........भाग शेवटचा |
रणजित चितळे |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
पुस्तक ओळखा : एक खेळ |
हर्षल खगोल |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
एवढा मी धावलो की, चालणेही शक्य नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुझ्या कृपेची किरणे, माझ्यावरती का रुसलेली? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
चर्चेचा प्रस्ताव |
आधुनिक कार्यालयात वैयक्तिक प्रोत्साहनाचे प्रमाण |
केदार पाटणकर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
लागता लोक बोलू खरे |
विक्षिप्त |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
मराठी मंडळ कोरिया दिवाळी अंक २०१२ (पूर्वगंध विशेषांक) |
विजय देशमुख |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तिन्हिसांजेला हृदयी माझ्या एक गझल तेजाळत असते! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
अन क्रूरकर्माला फाशी |
अनंत खोंडे |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
रात्र जेव्हा बांधुनी येते स्मृतींची पैजणे..... |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
गझल अभ्यासक - डॉ. विनय वाईकर यांचे निधन |
जयन्ता५२ |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
सियाचीनची हिमनदी ..........भाग ३ |
रणजित चितळे |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चेहऱ्यावर लावणारे चेहरे करतात शिमगा! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गद्य साहित्य |
सोपे वाटेल असे शब्दकोडे ११ |
महेश |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुला पाहून मदिरेचा रिकामा झिंगला प्याला! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
दाटली मेंदीत ओल्या कोरडी आशा तुझी |
कमलेश पाटील |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |