कोणी |
चित्त |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
टुकार |
कोलबेर |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कवीता |
नुपुर |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
प्रलय |
कुमार जावडेकर |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
आम्ही लिखाळ लिखाळ |
लिखाळ |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
माझी आई |
जयश्री अंबासकर |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
मन जाहले..(गझल) |
जयन्ता५२ |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
एक वात |
शतानंद१२ |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
'जोडण्यात गेली' |
मानस६ |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
अतृप्त |
शिवश्री |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
दोन हायकू |
निनावी |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
प्रतिशोध |
फिनिक्स |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता-'चंद्र तारे खूप झाले' |
मानस६ |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
पहाटबावरी... |
सारंग |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
नाव सुचत नाही |
मिलिंद फणसे |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
एक व्यर्थ गीत |
शतानंद१२ |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
रवानी गझल |
सारंग |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
शापित |
मिलिंद फणसे |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
मन सुन्न करणारी कविता.. |
मानस६ |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
शेवटी सारेच होतात वजा |
साकार |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
गजल (तुझ्या फुलांचा...) |
अजब |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
मला मी सांगू कसा वाटतो |
कल्लोळ |
१९ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
मैत्री... |
००७योगेश |
१९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
विडंबन - फिरले रे ग्रह माझे फिरले रे ... |
कुल |
१९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
भाषा |
साकार |
१९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |