कविता |
अस्थी कृषीवलांच्या |
गंगाधर मुटे |
१० वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आठवाया लागले विसरून जाणे |
स्नेहदर्शन |
१० वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
व्यसनाधीन..! |
ऋतुगंध |
१० वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
एवढे नसते जलद आयुष्य सरण्यासारखे! |
प्रोफ़ेसर |
१० वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
दुष्काळ, भूक, तृष्णा....प्रश्नावलीप्रमाणे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे २२ तासांपूर्वी |
कविता |
मी कापसाप्रमाणे झालो सुमार हल्ली! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे २ दिवसांपूर्वी |
कविता |
पाहतात का मलाच.... |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
पहा नाठाळ चालवती कशी लाठी, तुकारामा! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ३ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
कोळिष्टके |
प्रदीप कुलकर्णी |
११ वर्षे ३ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
रणधुमाळी तीच अन् त्याच आरोळ्या पुन्हा |
मिलिंद फणसे |
११ वर्षे ३ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
वरुणदेवाने फालतू त्याची जात दावू नये |
गंगाधर मुटे |
११ वर्षे ४ आठवड्यांपूर्वी |
कविता |
अतीशाहणे अन् शहाणे किती? |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
पहा प्राण गेला पहाडाप्रमाणे........ |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
मी ऐकले |
जयन्ता५२ |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
चूल पेटते तरी! तृप्त हे खरे दिवस! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
आधीच |
जयन्ता५२ |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
सुटली अनेक कोडी, राणी तुझ्या मिठीने! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
पाहिला माझा कुणी एकांत आहे? |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
रिक्त हातांची कुणाला खंत आहे? |
मिलिंद फणसे |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
आठवणींची एक तारका मनात माझ्या लुकलुकणारी! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
रंग आणखी मळतो आहे |
गंगाधर मुटे |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
पदर |
प्रदीप कुलकर्णी |
११ वर्षे १ महिन्यापूर्वी |
कविता |
जरी नेहमी, जगभर फिरतो मुलगा माझा! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
माझिया ओठात आहे.... |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सावलीखेरीज माझ्या फक्त येथे मीच आहे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |