कविता |
पाहिली ना तुजपरी |
टवाळ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
डेज |
साकार |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
घावामागून घाव घातले त्याबद्दल आभार.. |
मानस६ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तिच्या वागण्याचा मला त्रास होतो |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(गंध)-२ |
चक्रपाणि |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
असा हा जन्मभरचा फक्त नवरोबा कसा बनतो! |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अशी व्यक्ती कशी आयुष्यभरची बायको बनते? |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हॅरी हरी |
साकार |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कधी स्तुतीच्या माथ्यावरती |
बैरागी |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
शेवटचा तांदुळ शिजला |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
निशिगंधाची फुले तुझी |
टवाळ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
भूक |
नीलहंस |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आत्मसात |
कुमार जावडेकर |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
प्रीतिची रीत |
टवाळ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बोलताना तोल गेला... |
मानस६ |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(ताटामधली फोड : लिंबाची) |
चक्रपाणि |
१७ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जगण्याला काय हवे.? |
मानस६ |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(दोस्त हो!) |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(पत्र) |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बोलली कुठे बायको... |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वाजला किती पाऊस... |
बैरागी |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पाऊस आणि प्रौढ शिक्षण |
राजेन्द्र प्रधान |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काय द्यावा भात हल्ली जावयांना |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
दिसायाला बरी होती |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कट्टी बट्टी - आठ मात्रांची छोटी गझल |
माफीचा साक्षीदार |
१७ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |