कविता |
दाटले हृदयात माझ्या |
टवाळ |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ऋतू येत होते ऋतू ज़ात होते - ३ |
चक्रपाणि |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तात्या, आपुली आठवण येते.... |
मानस६ |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुला गणपती ... |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
परके झाले बाबांचे घर |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
शरीराने मला जेव्हा जरा रुग्णालयी नेले |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मुक्तक - मी जिला माझी म्हणालो ती कुणा दुसऱ्याच पुरुषावर म्हणे आसक्त आहे |
माफीचा साक्षीदार |
१८ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
प्रभातीचे मिलन... |
प्राजु |
१८ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सामर्थ्यशीला.....!! |
प्राजु |
१८ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
स्वप्न तू की खरी हकिकत |
नरेंद्र गोळे |
१८ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
लिखाण |
कुमार जावडेकर |
१८ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
संकल्प ! |
नरेंद्र गोळे |
१८ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
धुसर ….. |
साकार |
१८ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
क्रमप्राप्त |
जयन्ता५२ |
१८ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अश्रूंचे मुखवटे |
साकार |
१८ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मेघदूत (श्लोक २२-२७) |
शैलेश खांडेकर |
१८ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सूर लावतो आहे वारा... (गजल) |
अजब |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अशी वाट चोखंदळावी स्वतःची |
चित्त |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आव्हान |
कुमार जावडेकर |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
प्रेमात पडतांना |
प्रशांत शिरुरे |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
शीर्षक सुचलंच नाही! |
ग्रामिण मुम्बईकर |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
उपसर्ग ! |
नरेंद्र गोळे |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
गजल मनाशी जुळते आहे... |
अजब |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कोलांट्या घेतात मदारी! |
चित्त |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चंदनापरी मज, माझ्यावर जळणारे |
चित्त |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |