कविता |
अक्षांश तुझा आणि रेखांश माझा |
कमलेश पाटील |
११ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वेदनांनी झोळी माझी सारी भरू दे रे |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आज काही करावेसे वाटत नाही |
कैलाशदवे |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बाबा मी पण त्यांना मत दिले होते |
कैलाशदवे |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
एसएससी |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तमातून तमाकडे…. |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मंगळसूत्र तुटता |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अमेठीची शेती |
गंगाधर मुटे |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
लहानश्या सखीस |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पावलांना स्पर्श मातीचा असू दे |
कुमार जावडेकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मैत्रीचा मृत्यू |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पाणी भरत आहे (नर्मदाकाठच्या कविता ) |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जोडी तुझी माझी . |
प्रज्ञा प्रधान |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
भेट |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कसर |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुझीच आम्ही अरे लेकरे, तुझीच पूजा करू! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
स्पर्शिका |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काय सांगू तुला प्रेम म्हणजे? |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जरासा हर्ष झाला |
निशिकान्त दे |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
दुख |
सिलिकोनबाबु |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
फरक |
जयन्ता५२ |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
एकाकी मी सुखात आहे |
निशिकान्त दे |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
टिकले तुफान काही |
गंगाधर मुटे |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काय म्हणावे प्रेमाला ते खरोखरी मज समजत नाही! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
दारू, सत्ता, पैसा, नारी; ध्येय वेगवेगळे |
मिलिंद फणसे |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |