कविता |
किती काही |
जयन्ता५२ |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
‘पहाटस्वप्न’ (कविता) |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हेच खरे |
मिलन टोपकर |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
नाही चाखली चव 'लाडू'ची- (विडंबन) |
विदेश |
११ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
स्मशानयात्रा (कविता) |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
स्थलांतर...(कविता) |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हझल |
विदेश |
११ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पाश (गझल सदृश्य) |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तीर्थ क्षेत्र |
शशांक पुरंदरे |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
दिवाळी अंक २०१३ - शरयूकाठचा चक्कीवाला |
कुमार जावडेकर |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सहजीवन |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हायकू - |
विदेश |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
विसावा |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हासत ऱ्हा लाऽडक्या हासत ऱ्हा |
टवाळ |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पाणकळा |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कोंबडीचे प्रेमगीत |
मिलिंद फणसे |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
क्षण दुखरे - हसरे |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ग्रहासारखा नर तो फिरतो, ती तार्यागत दुस्तर असते! |
खोडसाळ |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आज पुन्हा उडावेसे वाटले...........!!!!!!! |
पल्लवी मिंड |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हिंदोळा |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ही कळी जोवरी उमलुनी ना फुले |
टवाळ |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
स्वप्न होते कोवळे अन् वय जरी निष्पाप होते |
मृण्मयी |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पाहुणा |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
"मधु पिळण्यापरी ..." |
मिलिंद फणसे |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कातर सांजवेळ |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ७ महिन्यांपूर्वी |