तुझ्या कृपेची किरणे, माझ्यावरती का रुसलेली? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
लागता लोक बोलू खरे |
विक्षिप्त |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
तिन्हिसांजेला हृदयी माझ्या एक गझल तेजाळत असते! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
रात्र जेव्हा बांधुनी येते स्मृतींची पैजणे..... |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
चेहऱ्यावर लावणारे चेहरे करतात शिमगा! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
तुला पाहून मदिरेचा रिकामा झिंगला प्याला! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
दाटली मेंदीत ओल्या कोरडी आशा तुझी |
कमलेश पाटील |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
शब्द शब्द काळजात ठेविले जपून मी! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
जिवापाड |
विरेन्द्र भगत |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
मला ओरबाडून तो काळ गेला! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कुंचला |
प्रदीप कुलकर्णी |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कदाचित |
pkarandikar50 |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविची मुलाखत |
pkarandikar50 |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
टाकल्या माना फुलांनी पार आता! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
सांजेला तू खिडकीखाली शीळ घालणे सोडुन दे |
टवाळ |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
गझल लिहिताना किती होतात सांगू यातना! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
मनातल्या मनात हे कुणी मला पुकारले? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
पिसे |
चारवा |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
ओळखू नाही मला आला सुखाचा चेहरा! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
तुझ्यामधील मी |
प्रसाद कोलते |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
"तो एक वृक्ष" |
अनंत खोंडे |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
प्रेम करणे, ते टिकवणे ही कला आहे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
तुझी याद येते जेव्हा फिरूनी... |
दीपकशांपवार |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
घरबसल्या संपर्क जगाशी साधत आहे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
बीजेपीची धुरा वाहती नरेंद्र मोदी! |
आजानुकर्ण |
१२ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |