हा गंध मोगऱ्याचा |
अभिजित जाधव |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
उत्सव |
जयश्री अंबासकर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
वठलेल्या तरूतळी मी सावली शोधतो आहे!(तस्वीर-तरही गझल) |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
शेअरिंग .....व्हॅलेंटाईन निमित्त |
शशांक पुरंदरे |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
मीच मोती शिंपल्याचा, शिंपलाही मीच आहे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
स्वप्ने दुमडली, मुडपले मनाला! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
आताशा |
मिलन टोपकर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
बायपास |
जयन्ता५२ |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
आयुष्य राजयोगी (तरही गझल) |
जयश्री अंबासकर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
माझ्या पिण्यास तेव्हा हसलेच सर्व होते |
राजेंद्र देवी |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
माझ्या जिण्यास तेव्हा हसलेच सर्व होते |
हर्षल खगोल |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
येते समोर जेव्हा ती, फक्त पाहतो मी! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
हे नशिबा |
राजेंद्र देवी |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
आग भडभडते... काळिज धडधडते |
टवाळ |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
स्त्री भ्रूणहत्या (वरदाची कविता) |
मुग्धा रिसबूड |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
हे कोणत्या दिशांनी वाहतात वारे? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
हे असे घडणार नक्की! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
ती.. |
प्रसाद पासे |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
नदीच्या पल्याड (विडंबन) |
प्रसाद पासे |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
शेवटची ओळ |
उ. म. |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
स्फुट शेर (प्रासंगिक) |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
थांबण्याजोगे कुठेही दार नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
संपलेल्या मैफिलीचा सूर होतो! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
येते खुशाल माझ्या मागे मला छळाया..... |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |
कसली तृष्णा, ओढ कशाची मला लागली आहे? (खयाली तरही) |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ महिन्यांपूर्वी |