कविता |
दिसावयाला हरेक माणूस संत आहे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काळजाची कांच |
जयन्ता५२ |
१२ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मी तिच्या पत्रातला मजकूर होतो! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जाता जाता |
एक अज्ञात |
१२ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पूर्णविराम |
राजेंद्र देवी |
१२ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अरे मानवा |
अनंत खोंडे |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
भोवती अंधार वारेमाप आहे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सुज्ञपणाचा बुरखा मजला कधी न आला पांघरता! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
फळे चाखली तेव्हा मजला अर्थ कळाला फुलण्याचा! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
देव राहतो नभी - भूवरी नि मी |
टवाळ |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कळेना लागला माझ्या जिवाला ध्यास कोणाचा? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मी तुझ्या दारात होतो! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पुरे!...... |
अलोक जोशी |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मरणाच्या छायेमध्ये बागडणे सोपे नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बडबडगीत.... |
शशांक पुरंदरे |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
रान... |
शशांक पुरंदरे |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ही तुझ्या कृपेची किमया...लाभली मुक्याला वाणी! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मनास वाटे - |
विदेश |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
प्राण माझा जायचीही वाट नाही पाहिली! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जगण्यास अमृताची आली जणू खुमारी! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
स्वप्न मलाही बघावयाची आवड होती! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हाक केव्हाची कुणाची ऐकतो मी? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
प्रेमास्तव |
माझी कल्पना |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
याद आली खूप; म्हणुनी, काय तो माणूस येतो? (तरही गझल) |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आयुष्याची संध्याकाळ |
शब्द्ववेडी |
१२ वर्षे ६ महिन्यांपूर्वी |