जीवना तुला जगतांना |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
समुद्रासही त्रास देते पिपासा! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
फुलारून गेलो , दवारून गेलो |
वैशाली प |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
फार तोलून मनातील जगाशी बोला! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
नका सांगू मजला ..... |
वैशाली प |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
उदास श्रावण ? |
शशांक पुरंदरे |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कृष्ण सखा.... सावळसा |
शशांक पुरंदरे |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
जन्माच्या वरदानाला किंचितही वरपण नाही! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कधी बुडालो, कुठे कुणी ऐकला पुकारा? |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
बांद्रा स्टेशन बाहेर..... |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
नर्मदा माता (अजूनही) |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
मानलेले सुख |
सखी १९८५ |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
झोप रात्रीस आजकाल कुठे? |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
म्हाताऱ्याच्या प्रेताजवळ |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
हजारो कविता या इथे |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
शब्दफ़ुले |
सखी १९८५ |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
शेतकरी धर्म |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कधी मी स्वत: रंग अन् ढंग केले |
मिलिंद फणसे |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
काव्यगती |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
मी जरी |
गंगाधरसुत |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
पाणी लाऊन हजामत |
गंगाधर मुटे |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
सह्याद्रीचा कडा... |
श्रीयुत पन्त |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
धमक |
जयन्ता५२ |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
तुझीच मिठी | |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
चालतो मी |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |