कविता |
(लोकांना टाळत बसलो आहे) |
कारकून |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ढुरढूरढूर झाली |
टीकाराम |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
रूपास भाव आहे |
कारकून |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
खास तात्यांसाठी |
भाऊ |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कवळी कवेत ! |
साती |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(नवे) |
कारकून |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
विडंबन |
सौ.अंजली |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सातीच्या खांद्यावर राखीचे ओझे! |
नरेंद्र गोळे |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बाई माझी लिपस्टीक बिघडली |
साती |
१८ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
विडंबन - कदाचीत |
कुल |
१८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तू जीभ पाघळू दे |
टीकाराम |
१८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
((गाफ़िल)) |
कारकून |
१८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वाद-संवाद |
विक्षिप्त |
१८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(गाफील) |
साती |
१८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
इतक्यात फार झाल्या |
टीकाराम |
१८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
क्रिएटिविटीच्या भुता |
शशांक |
१८ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
उलटसुलट |
साती |
१८ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हिचीही मान्यता होती तिच्या माझ्या विवाहाला |
माफीचा साक्षीदार |
१९ वर्षे ३ दिवसांपूर्वी |
कविता |
भारनियमन! |
साती |
१९ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कविता |
(स्थलांतर) |
माफीचा साक्षीदार |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
शाळेत असतान मीही एकदा पडलो होतो प्रेमात |
सुलक्षणा |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आम्ही लिखाळ लिखाळ |
लिखाळ |
१९ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
विडंबन - फिरले रे ग्रह माझे फिरले रे ... |
कुल |
१९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(सवय झाली) |
तो |
१९ वर्षे ४ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
विनोदी कविता- तुटे वजनाचा काटा ! |
मानस६ |
१९ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |