कविता |
भासते त्यांना गुळाचा घास मी |
खोडसाळ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वाटतो आहे जरी बकवास मी |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
राहिलो न अता कुणाचा दास मी |
कारकून |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
नाव मी घेऊ कुणाचे? |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
रोज भांडी घासण्याची |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
येतसे स्वप्नांत माझ्या ... |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अवघड जागचे हे दुखणे कठीण झाले |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तक्रार बायकोची गझलेत मांडली मी |
खोडसाळ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आजकाल मी जरा झोपेमध्ये बरळतो |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आठवे मला -२ |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आठवा मला |
खोडसाळ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ती जताना "हाच मेला" म्हणून गेली.. |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
"कविता" सुंदर दिसते आहे |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
विडंबनाची आली खुमारी |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मार्स झालो |
वरदा |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
माणसांना येते हुशारी! |
कारकून |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पित्तापरी तुझ्या उदरी मळमळणारे |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तळीराम(कबीर ) |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(फकीर!) |
साती |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ढेकणापरी मज, माझ्यावर चिडणारे |
कारकून |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पाहुनीया घेतलेला दांडका |
कारकून |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वाचताना |
वरदा |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
(कबीर) |
कारकून |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
महागलेले आताशा पाव होते: श्वापद -२ |
अनिरुद्ध१९६९ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
धोतराची कास झालो |
खोडसाळ |
१८ वर्षे ५ महिन्यांपूर्वी |