"मरणाची घाई" |
अनंत खोंडे |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
आकाश तारकांचे (गझल ?) |
उद्धव कराड |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
ते करू देत माझी बुराई! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
हिर्वा मळवट (कविता) |
उद्धव कराड |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
संपली स्पंदने, संपल्या वेदना! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
नाचते नार तोऱ्यात - |
विदेश |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
सतावे सारखी चणचण! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
दिवा म्हणे |
प्रसाद मेहेन्दळे |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
मागणे |
प्रसाद मेहेन्दळे |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
छाटून टाकल्या वासना |
रत्नाकर अनिल |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कागदी होती फुले अन् बेगडी सन्मान होते! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कुणास ज्ञात तुझी आज थोरवी नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
काळी माय (कविता) |
उद्धव कराड |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
मरणे कठीण झाले |
गंगाधर मुटे |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
आजकाल केवढे फुशारतात काजवे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
अजून आहे ठरायचे ! |
फिनिक्स |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
तुझ्या अंगणातील प्राजक्त मी! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
चंदन वाटा (कविता) |
उद्धव कराड |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
मी कशी करणार कोणावर चढाई? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
मरणही म्हणाले किती भोगशी तू? सजा भोगण्याचा कडेलोट झाला! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
घर एक हायकू |
विक्रांतप्रभाकर |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
आठवणी |
राजेंद्र देवी |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
नाटकी बोलतात साले! |
गंगाधर मुटे |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
रस्ता मनाचा मोकला असावा |
रत्नाकर अनिल |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |
केवढा घेतोस मोठा घास बाळा! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ आठवड्यांपूर्वी |