उगा स्वप्न भलते चितारू नये! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
कधी पाऊल हे माझे कुठे घोटाळले नाही! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
पानी |
रत्नाकर अनिल |
११ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
एकाक्षरी कवीता |
राजेंद्र देवी |
११ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
आहेच मला माझ्या, अभिमान नकारांचा! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
काय झाले? माझिया अंगावरी ते धावले! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
नाते |
राजेंद्र देवी |
११ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
मनात आले, लगेच केले, असे कधीही करू नये! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ११ महिन्यांपूर्वी |
शिवले जरी कितीही, धस लागतोच का? |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
हा भ्रमर अती अज्ञानी - पाहुणा असे उद्यानी |
टवाळ |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
सुखांची सावली काही क्षणांची! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
ईस्कटलेली सप्नकारंजी |
रत्नाकर अनिल |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
मयत प्रामानिकपनाचे |
रत्नाकर अनिल |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
इतुकेच असे मागण |
विक्रांतप्रभाकर |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
तुला या बंद डोळ्यांनी पहावे, हात जोडावे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
स्त्री जलम ..एक गुन्हा? |
रत्नाकर अनिल |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
सोसतो मी दाह माझे, ताव माझे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
दोन थेंब |
रत्नाकर अनिल |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
नक्राश्रु |
रत्नाकर अनिल |
११ वर्षे १२ महिन्यांपूर्वी |
ज्याला हवे ते, तो लिही, कागद जणू आखीव मी! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ तासांपूर्वी |
आस नवचैतन्याची ... |
शशांक पुरंदरे |
१२ वर्षे ९ तासांपूर्वी |
धाची नोट |
रत्नाकर अनिल |
१२ वर्षे १९ तासांपूर्वी |
जसे प्रेत माझे जळू लागले! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २० तासांपूर्वी |
"जीवांची काहिली" |
अनंत खोंडे |
१२ वर्षे २१ तासांपूर्वी |
आजतागायत......... |
अश्विनी पवार |
१२ वर्षे १ दिवसापूर्वी |