मोहन |
यशवंत जोशी |
१२ वर्षे १ दिवसापूर्वी |
कैसा दत्ता तुझा |
विक्रांतप्रभाकर |
१२ वर्षे १ दिवसापूर्वी |
शिवेन एकेक स्वप्न आतून फाटलेले! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ दिवसांपूर्वी |
रक्त आटते जनतेचे |
गंगाधर मुटे |
१२ वर्षे २ दिवसांपूर्वी |
आठवनी |
रत्नाकर अनिल |
१२ वर्षे ३ दिवसांपूर्वी |
माफ़ करा मना |
रत्नाकर अनिल |
१२ वर्षे ३ दिवसांपूर्वी |
साक्ष नाही, ना पुरावे, कोणता कसला न झाडा! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ दिवसांपूर्वी |
श्वास माझे-तुझे एक व्हावे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ३ दिवसांपूर्वी |
तुझे हे वागणे आहे चुकीचे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ४ दिवसांपूर्वी |
दैव.... |
राजेंद्र देवी |
१२ वर्षे ४ दिवसांपूर्वी |
कोनी कोनाचा नाही |
रत्नाकर अनिल |
१२ वर्षे ४ दिवसांपूर्वी |
उठले होते वादळ आणि..... |
दीपकशांपवार |
१२ वर्षे ५ दिवसांपूर्वी |
हातही देशील तू पण, तेवढाही धीर नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ५ दिवसांपूर्वी |
टायमाची वेल |
रत्नाकर अनिल |
१२ वर्षे ५ दिवसांपूर्वी |
पगधरी (कविता) |
उद्धव कराड |
१२ वर्षे ६ दिवसांपूर्वी |
पुनर्जन्म |
राजेंद्र देवी |
१२ वर्षे ६ दिवसांपूर्वी |
रोज आयुष्य वाटे नवे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे ६ दिवसांपूर्वी |
एक थेंबुटा... |
शशांक पुरंदरे |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कामवाली बाय |
रत्नाकर अनिल |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
नव्हते मनामध्ये तरी, मज हे करावे लागले! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कुणबी (कविता) |
उद्धव कराड |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
कैक झाले जन्म माझे, का न मिळती उत्तरे? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
देव तूच प्रेम तूच |
'ऊरली फ़क्त क्षमा' |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
दृष्टी |
शशांक पुरंदरे |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |
नीलनभी विहरत्या ढगांनो या या या |
टवाळ |
१२ वर्षे १ आठवड्यापूर्वी |