कविता |
पाश आपोआप गेले तोडले! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
एकमेकांना तसे आतून ते सामील होते! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
किनारा चालला आहे, कुणाला शोधण्यासाठी? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सटवी लिहून जाते भाळी कथा समस्त |
मिलिंद फणसे |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पाठीवरीच माझ्या माझे बिऱ्हाड आहे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
माझिया डोळ्यात होती आसवे सा-या जगाची! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
ठेवले शाबूत त्यांनी पंख ऐसे वाटले! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मी प्रेत जीवनाचे घेऊन आलो! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
हा मानवी मनाचा गुंता कसा सुटेना - |
विदेश |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मारेक-यास माझी कळली कशी खुशाली? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काळजाला माझिया पडली किती होती घरे! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चिखलमातीत पडल्याने जरी डागाळले होते |
मृण्मयी |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुला पाहुनी भास झाला मनाला! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वणव्यात वास्तवाच्या स्वप्ने जळून गेली! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जायचे होते मलाही रक्त माझे द्यायला! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
आले कशीबशी मी चुकवून या जगाला! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तिचे पाहणे पाहणा-यास जाळी! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
माझेच दु:ख बहुधा इतके भिकार होते! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सावलीनेही स्वत:च्या टाळले होते मला! (संकेत तरही गझल) |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुझ्या स्मृतींच्या सरोवरी डुंबतो कधीचा! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सहसा कुणास आम्ही काळीज देत नाही! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मी न उलगडली तुझ्या पहिल्याच पत्राची घडी! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
निष्पर्ण जाहले तुझ्याविना |
जयश्री अंबासकर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
स्वप्नात काल माझ्या येऊन कोण गेले? |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
शब्द जेथे संपतो, माझी तिथे सुरुवात होते! |
प्रोफ़ेसर |
१२ वर्षे २ महिन्यांपूर्वी |