कविता |
वेदने जेंव्हा तुझे |
स्नेहदर्शन |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
थांबलो येथे परी हा अंत नाही |
कुलकर्णी _रोहित |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पुन्हा सावल्यांच्या खुणा भोवताली |
कुलकर्णी _रोहित |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जे घडू पाहते...घडू द्यावे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पारणं |
उद्धव कराड |
११ वर्षे ९ महिन्यांपूर्वी |
कविता |
काळजातून कुणाच्या |
उद्धव कराड |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अजून मी मोजतोच किंमत चुकामुकीची! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
कुठून आलो? कुठे निघालो? मला स्वतःलाच ज्ञात नाही! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
बोलून गेलो नेमके, टाळायला जे पाहिजे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पाहतो मी दुरून देखावे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अबोलाही तिचा बोलून गेला! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
सांग काळीज का कोणते कापले? |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
शब्दबेवडा |
गंगाधर मुटे |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
उधारी |
जयन्ता५२ |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
वादळाला विचारून आलो! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
मोकळ्या हवेमधे फिरू! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
पेहराव |
महेश |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
अमीर लोक पिती मद्य तरतरीसाठी! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जमेल तितका जुलूम जो तो करून गेला! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
चुरगाळल्या शब्दात कविता शोधतो |
मिलिंद फणसे |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जगाला हात देताना स्वत:ला फार सांभाळा! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
जखमांचे पेव |
उद्धव कराड |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
तुझ्या नभातील मेघ दारावरून गेले! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
छाटते निमिषात इतकी धार आहे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |
कविता |
एक मुलखावेगळा मी सूर आहे! |
प्रोफ़ेसर |
११ वर्षे १० महिन्यांपूर्वी |